राजुरा…
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राजुरा तह््राजी गुडा (मंगी) से गेरे गुडा ,कच्चा रस्ता है, भुरकुंडा
खुर्द से भेंडवी
मुरुम गीट्टी का पंधरा साल पहले बना रोड पुरा उखड गया है ,हेईकल से चलना तो दुर, परंतु पाई चलने वाले रहागीरो को भी मुस्कील है
। इतना खराब होने के बावजुद प्रशासन एवं जनप्रतीनिधी की अनदेखी समझ से परे है । राज्य सरकारने मार्च माह सन २०२० -२०२१ के बजट मे आदीवासी उपाय योजना के लिए ८ ४००करोड रूपये की तर तुद की थी। परंतु चंद्रपुर जील्हे में ना के बराबर निधी मीला ,वहीं राजुरा विधान सभा क्षेत्र के जनसंख्या के अनुपात में राजुरा के साथ ना इंसाफी हुई है । जील्हा परीषद पीछले बजे निधी खर्च नहीं होने से जि््प ् प्रतीनीधी के नाकामी से वापस गया था , । केंद्रीय सरकार से निधी खींचकर लाने में कोई माय बाप नही होने से केंद्र से भी निधी नही आया है । परंतु शहरी श्रेत्र में डाबर के उपर डांबर के कोट चढ़ रहे हैं, कही जगह तो डांबर रोड तोडकर कांक्रैट रोड बनाए जा रहे है, शहरी क्षेश्र का विकास यही समृद्ध भारत का विकास की सरकारी एवं नेताओं की संकल्पना तो नही है ,यह सवाल बहुल क्षेत्र के के लोग कर रहै है 73 साल के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रमे जो आदमी रहाते है वहा कोही भी सुधार होणेका नाम ही नाही ले रहे है ,सिर्फ सिटी मे सुधार के काम दिखाते ,बाकी जघह ठण, ठण गोपाल है.
प्रतिकार न्युज