नागपुर : भारत सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को 58 तरह की सर्जरी की इजाजत दी है, जिससे देश भर के आयुर्वेदिक पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ऑपरेशन कर सकेंगे। इन 58 तरह की सर्जरी में हड्डी रोग, आंखों की सर्जरी, कान-गला और दांत की सर्जरी, स्किन ग्राफ्टिंग, ट्यूमर की सर्जरी, हाइड्रोसील, अल्सर, पेट की सर्जरी शामिल हैं। जहां एक ओर भारत सरकार के इस अनुमति को आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के इतिहास में मील के पत्थर की तरह देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर एलोपैथिक डॉक्टरों की संस्था ने आयुर्वेदिक डॉक्टरों को मिली सर्जरी की अनुमति का विरोध भी किया है और कहा है कि चिकित्सा पद्यतियों के बीच में एक लक्ष्मण रेखा होनी चाहिये।
आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने का अधिकार देने के केंद्र के फैसले के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की अगुवाई में आज शुक्रवार को देश भर में चिकित्सकों ने हड़ताल करने का फैसला लिया है, जिसके चलते महाराष्ट्र के करीब 1.50 लाख डॉक्टर्स, मेडिकल स्टूडेंट्स सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक कोई काम नहीं करेंगे। हालांकि इस दौरान कोरोना संक्रमण से जुड़ी चिकित्सीय सेवाएं एवं इमरजेंसी सेवाएं जारी रहेंगी। आईएमए महाराष्ट्र के प्रेसिडेंट अविनाश भोंडवे ने बताया कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (Indian Medical Association) की घोषणा के तहत आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी के कानूनी अभ्यास की अनुमति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।